दो माताओं के एक पूत…

दो माताओं के एक पूत वात्सल्य भाव के अग्रदूत जिनकी शिशुता अब तक प्रमेय हर गोदी में, हर गेह-गेह माखन-चोरी, दधि दान, रास जिनसे परिभाषित रस-विलास वे अमर प्रेम के…

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दो माताओं के एक पूत वात्सल्य भाव के अग्रदूत जिनकी शिशुता अब तक प्रमेय हर गोदी में, हर गेह-गेह माखन-चोरी, दधि दान, रास जिनसे परिभाषित रस-विलास वे अमर प्रेम के…

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