हिंदी के वैश्विक जयघोष का इससे सुंदर चित्र क्या हो सकता है ? पहला बुकर और वो भी संवेदना के आदि स्त्रोत्र, साक्षात सरस्वती नारी के लेखन को।यह भारत की सर्जना को मिली आवश्यक मान्यता है।हम सबके लिए उत्सव का पल है।
अनेकानेक बधाई गीताँजली जी को, बधाई उनकी अनुवादक डेज़ी रॉकवेल को एवम समस्त भारतीयों को!
#bookerprize 🇮🇳👍